राज्यपाल हरिभाऊ बांगड़ की सुरक्षा ड्यूटी के दौरान चूरू जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ है, जिसमें पुलिस की एक गाड़ी ट्रोल से टकरा गई। इस हादसे में गाड़ी में सवार सभी छह पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा भदरी थाना क्षेत्र के तीन किलोमीटर दूर चूरू की तरफ हुआ। हादसे के बाद पुलिस और अन्य अधिकारियों ने घायल कर्मियों को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा।

हादसे की पूरी जानकारी
राज्यपाल हरिभाऊ बांगड़ की सुरक्षा में तैनात पुलिस की एक गाड़ी को ट्रोल ने टक्कर मारी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी के अंदर सवार सभी छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों में भालेरी थाना अधिकारी फरमान (40 वर्ष), सुभाष (25 वर्ष), भीम दन (27 वर्ष), बलवीर (30 वर्ष), अनीता (40 वर्ष) और संतोष (40 वर्ष) शामिल हैं।
प्राथमिक उपचार के लिए सभी घायलों को भालेरी पीएससी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) भेजा गया। बाद में दो महिला पुलिसकर्मी – अनीता और संतोष को गंभीर चोट आने के कारण चूरू के डीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। फिलहाल सभी घायलों का इलाज जारी है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
राज्यपाल की बैठक और सुरक्षा व्यवस्था
इस हादसे के बाद राज्यपाल हरिभाऊ बांगड़ ने जिला परिषद सभा में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विधायक हरलाल सारण, जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा, पुलिस अधीक्षक जे यादव, आईपीएस प्रवीण नायक, एसडीएम अर्पिता सोनी, सीईओ श्वेता कोचर और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के बाद राज्यपाल सर्किट हाउस गए, जहां गेट पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी।
सुरक्षा में खामी और भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध
राज्यपाल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं, खासकर जब आम जन और वीआईपी व्यक्तियों को सर्किट हाउस में प्रवेश से रोका गया। एक आम नागरिक ने बताया कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं और उनका कार्यक्रम सभी के लिए खुला होना चाहिए, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं को विशेष प्रवेश दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम सिक्योरिटी लिस्ट में थे और आम लोगों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित था।
एक व्यक्ति ने कहा, “हम राज्यपाल से मिलने के लिए आए थे, लेकिन पुलिस ने हमें बाहर रोक दिया। हम बहुत दुखी हैं और हमारी आवाज नहीं सुनी जा रही है। यह भेदभाव है, क्योंकि जो नाम इस लिस्ट में थे, वे सभी भाजपा के थे।”
सुरक्षा व्यवस्था और राजनीति के आरोप
यह घटना उस समय सामने आई जब राज्यपाल का कार्यक्रम भाजपा द्वारा राजनीतिक दृष्टिकोण से संचालित होने का आरोप भी लगाया गया। आम जनता का कहना है कि राज्यपाल का कार्यक्रम पार्टी विशेष नहीं होना चाहिए, और हर किसी को समान अधिकार मिलना चाहिए। सुरक्षा में खामी और पक्षपाती व्यवहार पर कई सवाल उठाए गए हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।
अंतिम शब्द
चूरू में हुए इस हादसे ने न केवल राज्यपाल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इससे जुड़ी राजनीति और भेदभाव के आरोपों ने भी जनता में आक्रोश पैदा कर दिया है। घायलों का इलाज चल रहा है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब यह देखना होगा कि इस हादसे और आरोपों की जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाते हैं।