प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए रास्ता खुलवाया था, लेकिन इसके बावजूद तनाव कम नहीं हुआ। विवाद और बढ़ गया जब विकास मंच के अध्यक्ष एडवोकेट राजेंद्र राजपुरोहित के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पहले बीकानेर रोड पर जाम लगा दिया और विरोध दर्ज करवाया।

इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायतें दर्ज कराईं। एडवोकेट राजपुरोहित का आरोप है कि प्रहलाद सर्राफ ने पुलिस की मिलीभगत से उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया, जिस पर पुलिस ने बिना निष्पक्ष जांच किए एफआर (Final Report) लगा दी।
इस कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने पहले तहसील कार्यालय पर धरना दिया और अब गुरुवार को डीएसपी कार्यालय का घेराव कर दिया। ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि इस केस के जांच अधिकारी को बदला जाए और उन्हें निष्पक्ष न्याय दिलाया जाए।
एडवोकेट राजेंद्र राजपुरोहित ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने ग्रामीणों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो शुक्रवार को बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यदि हालात बिगड़े तो इसकी जवाबदेही पूरी तरह से अधिकारियों की होगी।
ग्रामीणों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गहरा आक्रोश है और वे न्याय की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की अगली कार्रवाई पर अब सभी की नजरें टिकी हैं।
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