सरदारशहर (चूरू): राजस्थान में तेज़ गर्मी के चलते जल संकट गहराता जा रहा है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सरदारशहर क्षेत्र का बुकनसर बड़ा गांव, जहां ग्रामीण भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। गांव को जल जीवन मिशन योजना से जोड़ा गया है, लेकिन पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति अनियमित और अपर्याप्त बनी हुई है। स्थिति इतनी विकट है कि ग्रामीणों को ₹1000 प्रति टैंकर की दर से खारा पानी खरीदना पड़ रहा है।

पाइपलाइन सप्लाई ठप, टंकी भी नहीं दे रही राहत
बुकनसर बड़ा गांव में जल जीवन मिशन (JJM) योजना के तहत वाटर टैंक तो बनाया गया है, लेकिन उसमें भी पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सरपंच श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि नहरबंदी के चलते गांव में तीन दिनों से पानी नहीं आया है, जिससे ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
₹1000 में खरीदना पड़ रहा टैंकर का खारा पानी
पानी की अनुपलब्धता की स्थिति में ग्रामीण ट्यूबवेल से निकला खारा पानी टैंकर के जरिए मंगवा रहे हैं, जिसकी कीमत ₹1000 प्रति टैंकर तक जा रही है। यह पानी न केवल पीने योग्य नहीं है, बल्कि इससे पेट और जोड़ों की बीमारियां भी बढ़ रही हैं।
सरपंच खुद पहुंचा रहे हैं पानी, करवा रहे हैं मोटर रिपेयर
सरपंच श्रवण कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशासन को सूचित किया गया है और रामदेव पारिक, जो कि स्थानीय जलदाय विभाग के एक्शन अधिकारी हैं, उन्होंने पेयजल टैंकर भेजे हैं। सरपंच स्वयं अपने निजी टैंकरों से ग्रामीणों को पानी पहुंचा रहे हैं। साथ ही गांव के पुराने कुंओं की मोटर और पंप की मरम्मत भी करवाई गई है ताकि पशुओं और ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बिजली की समस्या भी बनी चुनौती, ट्रांसफॉर्मर बदले गए
पेयजल संकट के साथ-साथ बिजली की समस्या भी बड़ी चुनौती बनकर सामने आई। सरपंच के अनुसार, भानीपुरा के सहायक अभियंता से बात कर तीन नए ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं और कई जगह बिजली के तार भी बदले गए हैं, ताकि पानी की सप्लाई बाधित न हो।
स्थाई समाधान की मांग, ग्रामीणों ने जताई नाराज़गी
ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी में यह संकट हर साल आता है, लेकिन अब तक कोई स्थाई जल परियोजना नहीं बनी है। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द स्थाई वाटर वर्क्स निर्माण की मांग की है, जिससे भविष्य में ऐसी समस्या न आए।
प्रशासनिक प्रयासों से बनी उम्मीद, लेकिन समाधान अधूरा
हालांकि प्रशासन और पंचायत स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जब तक नियमित और स्थाई जलापूर्ति सुनिश्चित नहीं होती, तब तक ग्रामीणों को राहत नहीं मिल पाएगी। सरपंच के अनुसार, उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया है और जल्द समाधान की कोशिशें जारी हैं।
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