पूर्व मंत्री राजकुमार रेणवा के सानिध्य में हुआ आयोजन, हजारों की संख्या में लोगों ने किया भाग
सरदारशहर, 31 मई –
भारतीय सेना के सफल ऑपरेशन “सिंदूर” की गूंज सरदारशहर में भी सुनाई दी, जब शहर के ताल मैदान से लेकर गांधी चौक तक एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस आयोजन की खास बात यह रही कि इसमें NSG कमांडो, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स, गाइड्स, और फौजियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यात्रा की अगुवाई पूर्व देवस्थान मंत्री राजकुमार जी रेणवा ने की।

देशभक्ति से सराबोर रहा सरदारशहर का माहौल
शहर की गलियों में जैसे ही तिरंगा यात्रा निकली, पूरा माहौल देशभक्ति के नारों से गूंज उठा – “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम”, और “जयहिंद” जैसे नारों से सरदारशहर का हर कोना गूंज उठा। यात्रा की शुरुआत ताल मैदान से हुई, जहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे।
ब्रह्मोस मिसाइल और आतंकवाद विरोधी झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र
इस तिरंगा यात्रा में सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया ब्रह्मोस मिसाइल की झांकी ने। इसके अलावा पहलगांव में हुए आतंकी हमले की झांकी, आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दर्शा रही थी। NSG कमांडो के परिधान में मौजूद युवाओं ने लोगों को गर्व से भर दिया।
एनसीसी और स्काउट्स की दमदार उपस्थिति
तिरंगा यात्रा में शामिल एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स और गाइड्स ने अनुशासन और समर्पण का अद्भुत उदाहरण पेश किया। इन युवाओं को देखकर साफ महसूस हुआ कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। युवाओं की भागीदारी ने कार्यक्रम को और भी जीवंत बना दिया।
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। पूर्व मंत्री राजकुमार रेणवा के सानिध्य में यह यात्रा आयोजित की गई, जिनकी उपस्थिति ने आयोजन को नई ऊंचाई दी।
गांधी चौक पर हुआ ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम
तिरंगा यात्रा के समापन पर गांधी चौक में ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके बलिदान को याद किया गया। पुष्प वर्षा और दीप प्रज्वलन जैसे भावुक क्षणों ने माहौल को अत्यंत भावुक और गर्वपूर्ण बना दिया।
शहरवासियों का जोश और सहयोग सराहनीय
पूरे सरदारशहर ने इस यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा, ठंडे पेय की व्यवस्था, और नारेबाजी से साफ जाहिर हुआ कि शहरवासी सेना के साथ खड़े हैं। हर उम्र के लोगों की मौजूदगी ने यह साबित कर दिया कि तिरंगा हर दिल में बसता है।
संदेश स्पष्ट: आतंकवाद को नहीं सहेंगे
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था – आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता को प्रदर्शित करना और यह संदेश देना कि हर हमले का जवाब दिया जाएगा। “सिंदूर नहीं, मैं ज्वाला थी…” जैसे नारे यात्रा की भावनात्मक गहराई को दर्शाते रहे।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर निकाली गई यह तिरंगा यात्रा न केवल सरदारशहर के लिए गौरव का विषय रही, बल्कि यह पूरे देश को एक मजबूत संदेश देने वाली घटना बन गई। आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत के लोग अपने वीर जवानों के साथ हैं और हर चुनौती का जवाब तिरंगे के नीचे एकजुट होकर देंगे।
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