Sardarshahar News | ग्राउंड रिपोर्ट | बीकानेर ज़िला
राजस्थान के सरदारशहर क्षेत्र के उड़सर लोडेरा गांव में मंगलवार सुबह प्रशासनिक अमला अतिक्रमण हटाने पहुंचा। प्रशासन द्वारा की जा रही इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। कई गरीब परिवार, जिनके आशियाने वर्षों से यहां बने थे, अचानक सड़कों पर आ गए।
जहां प्रशासन इस कार्रवाई को कानूनी प्रक्रिया बता रहा है, वहीं पीड़ित परिवारों का दर्द कुछ और ही कहानी कहता है।

कार्रवाई की शुरुआत: प्रशासन पहुंचा भारी पुलिस बल के साथ
सुबह करीब 9 बजे प्रशासनिक टीम, जिसमें राजस्व विभाग, नगरपरिषद व पुलिस बल शामिल था, उड़सर लोडेरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची।
जेसीबी मशीनें, नगर परिषद के अधिकारी, और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी ने इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना दिया।
अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन राज्य सरकार की स्वामित्व वाली जमीन है और यहां अवैध रूप से कब्जा किया गया था। इसलिए यह कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है।
पीड़ितों का आरोप – ‘हमने यहां खून-पसीने से घर बनाया’
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के सामने आक्रोश और बेबसी दोनों ज़ाहिर की। एक बुजुर्ग महिला रोते हुए बोली:
“हमें बसाने वाला कोई नहीं है, लेकिन उजाड़ने सभी आ जाते हैं। हमारे बच्चे कहां जाएंगे?”
एक अन्य युवक ने कहा:
“हमने यह ज़मीन खरीदी नहीं, लेकिन वर्षों से यहां रह रहे हैं। अब अचानक हमें बेघर किया जा रहा है, हमारे पास और कोई ठिकाना नहीं है।”
प्रशासन का पक्ष – बार-बार चेतावनी दी गई थी
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इन परिवारों को पूर्व में कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन्होंने कब्जा नहीं हटाया।
सरदारशहर एसडीएम अशोक मीणा ने कहा:
“यह जमीन सरकार की है। हमने पहले से नोटिस दिया था। अब नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा, पर नियम तो सभी को मानने पड़ते हैं।”
स्थानीय संगठनों और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल
जहां एक ओर गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे आने को मजबूर हैं, वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
न तो किसी बड़े नेता ने मौके पर पहुंचकर लोगों की सुध ली और न ही किसी सामाजिक संगठन ने विरोध दर्ज कराया।
क्या है जमीन विवाद की पृष्ठभूमि?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी बताई गई है, लेकिन पिछले 10–15 वर्षों से कई गरीब परिवार यहां कच्चे-पक्के घर बनाकर रह रहे थे।
प्रशासन अब इस जमीन को सरकारी विकास योजनाओं के लिए खाली कराना चाहता है, लेकिन पीड़ितों का कहना है कि उनके पास रहने के लिए अन्य कोई विकल्प नहीं है।
पीड़ितों की मांग – पुनर्वास या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का विरोध करते हुए कई परिवारों ने प्रशासन से पुनर्वास योजना लागू करने की मांग की है।
उनका कहना है कि:
“अगर यह जमीन सरकार की है और उन्हें चाहिए, तो हमें कहीं और जगह दी जाए। हमारा मकसद लड़ना नहीं, जीना है।”
निष्कर्ष: सवालों के घेरे में संवेदनशीलता
सरदारशहर के उड़सर लोडेरा गांव में अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई कानूनी रूप से भले ही सही हो, लेकिन यह सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से कई सवाल खड़े करती है।
क्या गरीबों की आवाज़ यूं ही अनसुनी होती रहेगी? क्या कोई व्यवस्था नहीं जो इन्हें भी सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार दे?
Sardarshahar News प्रशासन से अपील करता है कि मानवीय संवेदना के साथ निर्णय लिया जाए और गरीबों के लिए पुनर्वास या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी नागरिक सड़क पर न सोए।
- सरदारशहर: उड़सर लोडेरा में अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन, पीड़ित बोले – हमें बेघर मत करो, कहां जाएं?
- सरदारशहर: 1 जुलाई से शुरू होगा सर्वोदय छात्रावास, पूर्व मंत्री रिणवा ने लिया निर्माण कार्य का जायजा
- सरदारशहर: अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नगरपरिषद आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
- सरदारशहर: एमआर होटल में अवैध गतिविधियों का भंडाफोड़, पुलिस कार्रवाई से हड़कंप
- सरदारशहर में दो पक्षों में झगड़ा, 10 लोग घायल – महिलाओं पर भी हमला, एसडीएम ने लिया मौके का जायजा