Sardarshahar News | सरदारशहर
सरदारशहर के इस्लामिया मदरसे से मंगलवार को एक सशक्त और स्पष्ट संदेश दिया गया—आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाओ। मदरसे में आयोजित एक विशेष सभा में छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समाजसेवियों ने एकजुट होकर आतंकवाद की कड़ी निंदा की और ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। यह दृश्य ना केवल सरदारशहर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा बन गया है।

आतंकवाद के खिलाफ इस्लामिया मदरसे की पहल
इस्लामिया मदरसा, जो वर्षों से धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देता रहा है, ने एक नई पहल की शुरुआत की है। मदरसे के प्रांगण में आयोजित इस सभा में शांति, सद्भाव और देशभक्ति का संदेश दिया गया।
मदरसे के मौलाना और प्रधानाचार्य ने सभा को संबोधित करते हुए कहा,
“इस्लाम शांति और इंसानियत का धर्म है। आतंकवाद का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हमें ऐसे तत्वों का विरोध करना होगा जो धर्म के नाम पर हिंसा फैलाते हैं।”
‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ के लगे नारे
सभा के दौरान सैकड़ों छात्रों और स्थानीय लोगों ने हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाए:
- “आतंकवाद मुर्दाबाद”
- “देश के दुश्मनों होश में आओ”
- “शांति का धर्म है इस्लाम”
इस प्रदर्शन ने साफ संदेश दिया कि मदरसे और मुस्लिम समाज आतंकवाद के किसी भी रूप को स्वीकार नहीं करते, और वे इसके खिलाफ खड़े हैं।
समाज में सकारात्मक संदेश
इस पहल की सराहना क्षेत्र के सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी की।
एक स्थानीय नागरिक ने कहा,
“यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है। आतंकवाद के खिलाफ जब इस तरह के धार्मिक संस्थान सामने आते हैं, तो समाज में एक मजबूत और सकारात्मक संदेश जाता है।”
धार्मिक शिक्षा के साथ राष्ट्रभक्ति का संदेश
इस्लामिया मदरसे की यह पहल दिखाती है कि आज के मदरसे केवल धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक जिम्मेदारी और देशभक्ति की भावना को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
सभा में यह भी स्पष्ट किया गया कि
- आतंकवाद किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं है
- धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देने वालों से सावधान रहना चाहिए
- युवाओं को जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे भटकावे में न आएं
प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी
सभा के दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मौके पर मौजूद रहा। शांति व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अधिकारियों ने इस कदम की सराहना की और कहा कि
“समाज को जब इस तरह के धार्मिक स्थल सही दिशा में प्रेरित करते हैं तो अपराध और कट्टरता पर लगाम लगती है।”
मदरसे की आगे की योजना
इस्लामिया मदरसे के प्रमुख ने बताया कि वे जल्द ही “युवा जागरूकता अभियान” की शुरुआत करेंगे, जिसमें क्षेत्र के युवा छात्रों को आतंकवाद, ड्रग्स, और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने वालों से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा।
निष्कर्ष
सरदारशहर के इस्लामिया मदरसे से उठी यह आवाज न केवल एक साहसिक कदम है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा भी है। जब धार्मिक संस्थान आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलते हैं, तो समाज में सद्भाव और एकता का वातावरण बनता है।
यह पहल साबित करती है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, बल्कि सच्चे धर्म में शांति और भाईचारे की भावना ही सर्वोपरि है।
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