झलको राजस्थान विशेष रिपोर्ट
राजस्थान के सरदारशहर में सोमवार को हुई तेज बारिश ने एक व्यक्ति की जान ले ली। जहां पूरे क्षेत्र में मानसून की दस्तक से मौसम सुहावना हुआ, वहीं एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया।

करंट लगने से हुई मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी सार्वजनिक सुविधाएं इस मौसम के लिए तैयार हैं?
कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मृतक व्यक्ति किसी निजी काम से घर के बाहर निकला था। भारी बारिश के चलते सड़कें पानी से लबालब थीं। बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति पानी में छिपे करंट वाले तार के संपर्क में आ गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश का माहौल बन गया। लोगों ने नगरपालिका और विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद खुले तारों को दुरुस्त नहीं किया गया और न ही बारिश के लिए कोई पूर्व तैयारी की गई थी।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक व्यक्ति एक साधारण मजदूर था और अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। हादसे के बाद परिवार पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक की पत्नी और छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय समाजसेवियों ने प्रशासन से मुआवजे और उचित सहायता की मांग की है।
प्रशासन की ओर से आश्वासन
हादसे के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। बिजली विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि पूरे क्षेत्र में बारिश के दौरान सुरक्षा जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
बारिश से अन्य क्षेत्र भी प्रभावित
सिर्फ एक मौत ही नहीं, सरदारशहर में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली गुल होने जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं।
क्या कहती है जिम्मेदारी?
हर बार की तरह इस बार भी सवाल उठते हैं कि क्यों हमारी नालियों की सफाई समय पर नहीं होती? क्यों बिजली के खुले तार मौत का इंतजार करते रहते हैं? और क्यों प्रशासन हादसे होने के बाद ही जागता है?
निष्कर्ष
सरदारशहर में हुई इस दर्दनाक घटना ने फिर यह दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदा से ज्यादा जानलेवा होती है लापरवाही। अब देखना यह है कि प्रशासन इसे एक और आंकड़ा समझकर भूल जाएगा या सच में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
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