राजस्थान के चूरू जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां डाक विभाग में फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरी हासिल करने के मामले में पुलिस ने बघेला गांव निवासी विकास गोदारा को गिरफ्तार किया है। यह मामला शिक्षा और सरकारी नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की चुनौतियों को दर्शाता है, जिसमें बिहार बोर्ड की नकली मार्कशीट तैयार कर उच्च अंक दर्शाते हुए सरकारी नौकरी हासिल की गई थी।
चूरू में फर्जी मार्कशीट नेटवर्क का भंडाफोड़
2022 में डाक विभाग के BPM पद पर चयनित विकास गोदारा ने खुद पटना बोर्ड की नकली 10वीं कक्षा की मार्कशीट बनवाई थी। इस मार्कशीट में 98% अंक दर्शाते हुए नियुक्ति प्राप्त की गई थी। प्रमाणपत्र सत्यापन के दौरान डाक विभाग को दस्तावेजों में गड़बड़ी का संदेह हुआ, जिसके बाद पूरी जांच शुरू की गई।
पुलिस का कार्रवाई: केस दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
यह मामला जून 2025 में सामने आया जब डाक विभाग द्वारा प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान फर्जी दस्तावेज पाए गए। कोतवाली थाना पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि बघेला गांव निवासी युवक ने खुद मार्कशीट बनाई और सरकारी नौकरी हासिल की।
आरोपी की गिरफ्तारी और जांच की प्रक्रिया
पुलिस की जांच में विकास गोदारा का नाम सामने आया। आरोपी को कोतवाली थाना टीम ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि उसने फर्जी मार्कशीट तैयार कर सरकारी नौकरी पाने का प्रयास किया था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या ऐसे मामलों में और लोग भी शामिल हैं या कोई बड़ा जाल फैला हुआ है।
फर्जीवाड़ा कैसे उजागर हुआ?
- डाक विभाग द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान अनियमितता सामने आई।
- फर्जी पटना बोर्ड की मार्कशीट में 98% अंक दर्शाये गए।
- जांच टीम ने हर दस्तावेज की जांच की और पुष्टि होने पर केस दर्ज किया।
- आरोपी को थाने लाकर हिरासत में लिया गया।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस गिरोह की पूरी तह तक जाने का प्रयास कर रही है। कोतवाली थाना के अनुसार, ऐसे मामलों में कई अन्य कर्मचारियों की भी संलिप्तता हो सकती है। जांच पूरी होने के बाद अन्य गिरफ्तारियां और जाल का खुलासा संभव है। आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
शिक्षा और सरकारी नियुक्तियों में फर्जीवाड़े की चुनौती
यह मामला दर्शाता है कि फर्जी दस्तावेज एवं मार्कशीट की मदद से देश के विभिन्न हिस्सों में सरकारी नौकरी हासिल करने का जाल चल रहा है। ऐसे मामले भारतीय शिक्षा व्यवस्था, सरकारी नियुक्तियों और समाज के लिए गंभीर चुनौती हैं। चूरू पुलिस की तत्परता और कार्रवाई ने ऐसे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
सामाजिक संदेश और सतर्कता
इस घटना ने बेरोजगार युवाओं और अभिभावकों को आगाह किया है कि शिक्षा और सरकारी नौकरी के लिए प्रमाणित और सही दस्तावेजों का ही उप्योग करें। पुलिस एवं प्रशासन द्वारा ऐसे फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किया जा सकता है।
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