Sardarshahar News | ग्राउंड रिपोर्ट | चूरू जिला
सरदारशहर का बिल्यू धाम क्षेत्र, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन हाल के वर्षों में यह क्षेत्र एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है — और वह है बारिश के पानी का जमाव। स्थिति यह है कि थोड़ी सी बारिश में ही सड़कों पर जलभराव हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अब सवाल यह उठता है कि जब हल्की बारिश में ही हालात ऐसे हैं, तो भारी बारिश या मानसून के समय क्या स्थिति होगी? और सबसे बड़ा सवाल – इसका समाधान कब होगा?
बिल्यू धाम: आस्था का केंद्र, लेकिन व्यवस्था से उपेक्षित
बिल्यू धाम सरदारशहर के उन क्षेत्रों में से एक है, जहां सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा-अर्चना और धार्मिक गतिविधियों के लिए पहुंचते हैं। यहाँ स्थित प्राचीन मंदिर, साधना स्थली और धार्मिक आयोजन इस जगह को विशेष बनाते हैं। लेकिन इन सबके बीच, बुनियादी सुविधाओं की कमी साफ दिखाई देती है।
बारिश आते ही गलियों में बहता है पानी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जैसे ही आसमान से पहली बूंदें गिरती हैं, वैसे ही यहाँ की गलियों और मंदिर परिसर में पानी भरना शुरू हो जाता है। नालियों की सही व्यवस्था न होने के कारण पानी तेज़ी से जमा होता है और कई बार मंदिर परिसर तक पहुंच जाता है।
“हर साल यही हाल होता है। हम नगरपालिका को कई बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन केवल वादे मिलते हैं, समाधान नहीं।” – स्थानीय दुकानदार
श्रद्धालुओं को होती है भारी परेशानी
बारिश के दौरान आने वाले श्रद्धालु अक्सर पानी और कीचड़ से होकर मंदिर तक पहुंचने को मजबूर होते हैं। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए यह स्थिति और भी कठिन हो जाती है। कई बार लोग फिसलने या गिरने से चोटिल भी हो चुके हैं।
जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह विफल
नगरपालिका द्वारा वर्षों से कोई सुनियोजित जल निकासी योजना नहीं बनाई गई है। स्थानीय नालियां या तो जाम हैं या फिर पूरी तरह टूटी हुई। वर्षा जल को निकालने के लिए न तो पर्याप्त पाइपलाइन है और न ही कोई वैकल्पिक निकासी मार्ग।
“नगरपालिका सिर्फ बारिश के बाद सफाई करवाती है, लेकिन स्थायी समाधान की बात कोई नहीं करता।” – निवासी
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब इस विषय में स्थानीय प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि:
- समस्या को चिन्हित किया गया है।
- बजट अभाव और तकनीकी अड़चनों के चलते देर हो रही है।
- एक लंबी योजना तैयार की जा रही है, जिसमें जल निकासी, नाली मरम्मत और सड़क निर्माण शामिल है।
हालांकि यह जवाब वर्षों से दोहराया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस परिवर्तन नजर नहीं आता।
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी सवालों के घेरे में
जहां एक ओर जनता परेशान है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनप्रतिनिधि मौन साधे बैठे हैं। चुनावों के समय वादे तो किए जाते हैं लेकिन उसके बाद यह इलाका प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बन जाता है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी प्रशासन की नहीं?
समाधान क्या हो सकता है?
अगर प्रशासन वास्तव में बिल्यू धाम की स्थिति सुधारना चाहता है, तो निम्न कदम उठाए जाने चाहिए:
- जल निकासी के लिए आधुनिक पाइपलाइन नेटवर्क तैयार किया जाए।
- नालियों की समय-समय पर सफाई सुनिश्चित की जाए।
- मंदिर परिसर और आसपास की गलियों को पक्की सड़क और टाइल्स से ढंका जाए।
- स्थानीय लोगों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो।
निष्कर्ष: श्रद्धा के केंद्र को संकट से मुक्ति कब?
बिल्यू धाम जैसा स्थान केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि हज़ारों लोगों की आस्था का प्रतीक है। ऐसे में वहां की बुनियादी व्यवस्थाओं की उपेक्षा न केवल प्रशासन की असफलता है, बल्कि यह श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ भी अन्याय है।
अब समय आ गया है कि सरदारशहर का यह पवित्र स्थान केवल श्रद्धा का नहीं, बल्कि सुव्यवस्थित और स्वच्छता से युक्त एक आदर्श स्थल के रूप में पहचाना जाए।
- सरदारशहर: विवाहिता ने स्प्रे पीकर की आत्महत्या, पीहर पक्ष ने लगाया ससुरालवालों पर प्रताड़ना का आरोप
- सरदारशहर का बिल्यू धाम: हल्की बारिश में ही भर जाता है पानी, तो भयंकर बारिश में क्या होगा?
- सरदारशहर: उड़सर लोडेरा में अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन, पीड़ित बोले – हमें बेघर मत करो, कहां जाएं?
- सरदारशहर: 1 जुलाई से शुरू होगा सर्वोदय छात्रावास, पूर्व मंत्री रिणवा ने लिया निर्माण कार्य का जायजा
- सरदारशहर: अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नगरपरिषद आयुक्त को सौंपा ज्ञापन