चूरू में धूमधाम से मनाई गई होली
राजस्थान के चूरू जिले में होली का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। शहर में हर ओर रंगों की बौछार और गुलाल की फुहार देखने को मिली। इस मौके पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी चूरूवासियों के साथ होली के रंग में सराबोर नजर आए।

संस्कृति और एकता का प्रतीक है शेखावाटी की होली
शेखावाटी क्षेत्र में होली का विशेष महत्व है। यहां यह पर्व सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और समरसता का भी प्रतीक माना जाता है। हर साल की तरह इस बार भी चूरू में होली की रौनक देखने लायक थी। न कोई छोटा, न कोई बड़ा, न जाति-पाति का भेद—सभी ने मिलकर इस पर्व को मनाया।
राजेंद्र राठौड़ ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं
इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “होली का पर्व आपसी गिले-शिकवे भुलाने और एकता का संदेश देने का त्योहार है। मैं प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ और सभी से आग्रह करता हूँ कि हम एक उन्नत भारत और विकसित राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने में योगदान दें।”
गानों और रंगों से सराबोर हुआ माहौल
चूरू की गलियों और चौपालों में ढोल-नगाड़ों की धुन पर होली के रंग बिखरे। फाग गीतों के साथ “झूमेंगे-नाचेंगे रंगों की बौछार में” जैसे पारंपरिक गीतों पर लोगों ने जमकर मस्ती की। हर तरफ गुलाल उड़ रहा था और लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाइयां दे रहे थे।
संभावित राजनीतिक संकेत?
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा रही कि चूरू में होली मनाना राजेंद्र राठौड़ का एक राजनीतिक कदम हो सकता है। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में जनता के बीच उनकी उपस्थिति को राजनीतिक दृष्टि से भी देखा जा रहा है। हालांकि, उन्होंने इसे पूरी तरह से सामाजिक आयोजन बताया और कहा कि यह पर्व हर किसी के लिए समान है।
सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
चूरू प्रशासन द्वारा होली के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था।
निष्कर्ष
चूरू में होली का त्योहार इस बार भी शानदार और हर्षोल्लास भरा रहा। राजेंद्र राठौड़ जैसे प्रमुख नेताओं की मौजूदगी से उत्साह और बढ़ गया। यह त्योहार न केवल रंगों का पर्व है, बल्कि समाज में भाईचारे और सौहार्द का संदेश भी देता है।