चूरू के जंगल में आग से फैली सनसनी चूरू जिले के हनुमानगढ़ी रोड स्थित वन क्षेत्र में आग लगने से इलाके में सनसनी फैल गई। कीक के पौधों से भरे इस क्षेत्र में लगी आग की लपटें इतनी तेज थीं कि शहर के विभिन्न इलाकों से धुआं देखा गया। नगर परिषद को सूचना मिलने पर दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन आशंका है कि यह किसी शरारती तत्व द्वारा लगाई गई हो सकती है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई आग की खबर जंगल में आग की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हो गए। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी और प्रशासन से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की।
चूरू के अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से आमजन परेशान चूरू जिले की राजलदेसर तहसील के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के पद लंबे समय से रिक्त हैं। मरीजों को उपचार के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में जाना पड़ता है। वर्तमान में अस्पताल में सात चिकित्सकों की पोस्ट हैं, लेकिन केवल एक ही चिकित्सक सेवा दे रहे हैं।
राजनीतिक षड्यंत्र या प्रशासन की लापरवाही? संघर्ष समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। धरने को 33 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मरीजों और उनके परिवारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राणा सांगा पर टिप्पणी से बढ़ा विवाद समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा संसद में दिए गए एक बयान में राणा सांगा पर की गई टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने इसे राजस्थान के गौरवमयी इतिहास का अपमान बताया और सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि ‘अस्थि घाव लगे थे तन में, फिर भी व्यथा नहीं थी मन में,’ यह बयान राणा सांगा के त्याग और बलिदान का अपमान है।
समाप्ति और अपील चूरू में लगी आग, चिकित्सकों की कमी और ऐतिहासिक महापुरुषों पर की जा रही टिप्पणी जैसे मुद्दों ने इलाके में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है। प्रशासन और नेताओं को चाहिए कि वे इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान दें और जल्द से जल्द समाधान करें।