चूरू, राजस्थान: बदलते खानपान और प्रदूषित वातावरण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए सही वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में चूरू में पार्कों के विकास की जरूरत पहले से कहीं अधिक हो गई है।

बदलता खानपान और स्वास्थ्य पर असर
आज के दौर में खानपान में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। लोग पहले की तुलना में कम शारीरिक गतिविधि कर रहे हैं, जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। दूषित पर्यावरण और व्यस्त जीवनशैली के कारण लोगों को स्वच्छ हवा तक नहीं मिल पा रही है। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां बेहद जरूरी हैं।
चूरू में पार्कों की वर्तमान स्थिति
चूरू नगर परिषद के अंतर्गत वर्तमान में लगभग 30 पार्क मौजूद हैं, जिनमें से केवल 6 पार्क विकसित हैं, जबकि बाकी 24 पार्कों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इन पार्कों की अनदेखी से सोसायटी में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों को पर्याप्त जगह नहीं मिल रही है, जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
पार्कों के विकास की आवश्यकता क्यों?
- बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य लाभ – सुबह-शाम टहलने के लिए सुरक्षित और स्वच्छ स्थान जरूरी है।
- बच्चों के लिए खेल-कूद का स्थान – खेलकूद से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास होता है।
- व्यायाम और ओपन जिम की जरूरत – लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद मिलेगी।
- स्वच्छ पर्यावरण – हरी-भरी जगहें शहर में ताजगी और स्वच्छता बनाए रखने में मदद करती हैं।
पार्कों के विकास के लिए जरूरी बजट
एक पार्क को पूरी तरह विकसित करने के लिए करीब 30 लाख रुपये की लागत आती है। ऐसे में 24 पार्कों को विकसित करने के लिए कुल 720 करोड़ 20 लाख रुपये की आवश्यकता होगी।
आवश्यक सुविधाएं जो होनी चाहिए
- पार्कों की चारदीवारी और फुटपाथ का निर्माण
- बच्चों के लिए झूले और खेल के उपकरण
- ओपन जिम और व्यायाम सुविधाएं
- स्वच्छता और बैठने की उचित व्यवस्था
जल पुनरुपयोग और पार्कों के विकास में सरकार की भूमिका
राजस्थान सरकार ने जल पुनरुपयोग और शहर के जल निकासी तंत्र को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने जोहरी सागर में पंपिंग स्टेशन, पाइपलाइन निर्माण और जल पुनरुपयोग के लिए स्वीकृति दी है। हालांकि, यह कार्य अभी तक पूर्ण रूप से शुरू नहीं हुआ है, जिससे शहर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
जलभराव और नगर विकास की चुनौतियां
चूरू में कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बनी रहती है। यदि जल्द से जल्द जल निकासी और पुनरुपयोग की योजनाओं को लागू नहीं किया गया, तो आने वाले मानसून में यह एक गंभीर समस्या बन सकती है।
स्थानीय प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए?
- पार्कों के विकास के लिए बजट आवंटन में तेजी लाना।
- बुनियादी सुविधाओं जैसे झूले, ओपन जिम और लाइटिंग की व्यवस्था करना।
- जल निकासी और पुनरुपयोग योजनाओं को जल्द लागू करना।
- स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाकर पार्कों के रखरखाव में सुधार लाना।
निष्कर्ष
चूरू में पार्कों के विकास की सख्त जरूरत है। स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए सरकार और प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में शहर को स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।