सरदारशहर, चूरू। राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर में स्थित इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर देशभर के भक्तों के लिए आस्था का विशेष केंद्र बन चुका है। यह मंदिर इसलिए अनोखा है क्योंकि यह भारत का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां हनुमान जी यानी बालाजी महाराज सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। यह मंदिर न सिर्फ अपनी दिव्यता बल्कि अपनी विशिष्टता के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

बालाजी महाराज सिंहासन पर – एक दुर्लभ दर्शन
अक्सर देखा जाता है कि हनुमान जी की मूर्ति प्रभु श्रीराम के चरणों में स्थित होती है, लेकिन सरदारशहर का यह मंदिर इस परंपरा से अलग है। यहां बालाजी महाराज स्वयं एक राजा के समान सिंहासन पर विराजमान हैं। यह दृश्य भक्तों को चौंका भी देता है और भाव-विभोर भी करता है।
मंदिर का इतिहास और स्थापना
इस मंदिर की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। मंदिर के निर्माण का मूल कारण एक दिव्य स्वप्न रहा, जिसमें सरदारशहर के स्थानीय व्यापारी अमूलचंद आलोक को बालाजी महाराज ने सिंहासन पर विराजित स्वरूप में दर्शन दिए। इसी के बाद उन्होंने इस अनोखे स्वरूप की मूर्ति बनवाई और मंदिर की स्थापना की।
इच्छा पूर्ति का केंद्र – नाम में ही है विश्वास
इस मंदिर का नाम है “इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर”, जो अपने आप में ही इसकी विशेषता को दर्शाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से आकर नारियल बांधता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। यही कारण है कि सालासर बालाजी के दर्शन के बाद भक्त यहां आना नहीं भूलते।
मंदिर परिसर की विशेषताएं
मंदिर परिसर केवल बालाजी महाराज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां पर राम दरबार, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान शिव परिवार, और कुबेर जी की मूर्तियां भी हैं। यह मंदिर एक धार्मिक संगम बन चुका है जहां विविध देवी-देवताओं के दर्शन एक ही स्थान पर होते हैं।
बाल रूप और वानर रूप में भी हैं हनुमान जी
मंदिर में बालाजी महाराज के बाल रूप और वानर रूप दोनों के दर्शन भी होते हैं। मान्यता है कि मंदिर निर्माण से पूर्व ही यह स्थान एक जंगल था और उस समय भी वहां हनुमान जी वानर रूप में प्रकट हुए थे। भक्तों को दोनों रूपों के दर्शन का सौभाग्य इस मंदिर में प्राप्त होता है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था
पुजारी मोहन जी बताते हैं कि मंदिर भले ही केवल 20 साल पुराना है, लेकिन इसकी मान्यता देशभर में है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और बालाजी महाराज के दरबार में अपनी मन्नतें मांगते हैं। सालासर बालाजी से लौटने वाले भक्तों के लिए यह मंदिर एक आवश्यक पड़ाव बन चुका है।
प्रसाद और भक्तों की भक्ति
मंदिर में लड्डू, चूरमा, मखाना, चक्की आदि का भोग लगाया जाता है। भक्त सच्चे मन से यहां प्रसाद चढ़ाते हैं और नारियल बांधते हैं ताकि उनकी इच्छाएं पूरी हों। यह मंदिर श्रद्धा और आस्था का जीवंत उदाहरण है।
कैसे पहुंचें इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर
यह मंदिर राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर कस्बे में स्थित है। सरदारशहर रेलवे और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, जिससे यहां पहुंचना सुविधाजनक है। यदि आप सालासर धाम जा रहे हैं, तो इस अनोखे मंदिर के दर्शन जरूर करें।
निष्कर्ष: एक बार जरूर करें दर्शन
इच्छापूर्ण बालाजी महाराज का यह मंदिर अपनी अलग पहचान और श्रद्धा के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। सिंहासन पर विराजमान बालाजी महाराज के दर्शन भक्तों को दिव्यता और ऊर्जा से भर देते हैं। यदि आपने अब तक इस मंदिर के दर्शन नहीं किए हैं, तो अगली बार राजस्थान यात्रा में सरदारशहर को जरूर शामिल करें।
जय श्री राम। जय बालाजी महाराज।