मुख्य अंश:
सरदारशहर में अवैध कॉलोनियों, अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मामलों पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा। नगर परिषद, तहसील और भू प्रबंधन विभाग के संयुक्त प्रयासों से जांच और सीमांकन की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।

नगर परिषद की NOC को लेकर सवाल
नगरपालिका की एनओसी को लेकर कई विवाद सामने आ रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति द्वारा पूछा गया कि जब नगर पालिका ने रजिस्ट्री की एनओसी नहीं दी थी, तो रजिस्ट्री कैसे हो गई? इस पर जवाब में अधिकारी ने कहा कि उनके पास जो दस्तावेज थे, वो दे दिए गए हैं, लेकिन एनओसी उनके पास नहीं है।
यह सवाल एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, जहां बिना एनओसी के रजिस्ट्री कर दी गई, जो नियमों के खिलाफ है। इस मुद्दे पर अब अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है।
52 दिन से चल रहे धरने पर प्रशासन की प्रतिक्रिया
नगर परिषद के अनुसार, धरना दे रहे लोगों की मांगों को लेकर प्रशासन गंभीर है। अधिकारियों का कहना है कि सभी आवेदन की जांच करवाई गई है और उनमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। वे इन्हें “निराधार आवेदन” मानते हैं।
धरने के नेताओं को बुलाकर समझाइश भी दी गई, लेकिन वे किसी समाधान पर नहीं पहुंचे। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस भीषण गर्मी में धरने को खत्म करने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की है।
हनुमानगढ़ रोड पर विवादित भूमि पर निर्माण की जांच
हनुमानगढ़ रोड पर एक विवादित भूमि पर अवैध निर्माण की जानकारी सामने आई है। इस पर अधिकारी ने कहा कि नगर परिषद और वन विभाग की ओर से भूमि का सीमांकन कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह क्षेत्र आबादी क्षेत्र में आता है, इसलिए इसका तकनीकी सीमांकन भू प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा।
लोहार पट्टा की एनओसी की मांग पर प्रतिक्रिया
एक अन्य मामले में लोहार पट्टा से जुड़े लोगों द्वारा एनओसी की मांग की गई थी। इस पर अधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा जो भी दस्तावेज मांगे गए, उन्हें उपलब्ध करवा दिए गए हैं। दूसरी एनओसी उनके पास नहीं है, इसलिए वह उपलब्ध नहीं कराई जा सकती।
दारा कॉलोनी और चौसरा की जांच प्रक्रिया
वन विभाग के सामने स्थित दारा कॉलोनी के पास जिस भूमि को लेकर विवाद चल रहा है, उसके बारे में नगर परिषद चेयरमैन ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसके बाद मामला तहसील को भेजा गया है ताकि सीमांकन किया जा सके। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह भूमि आबादी क्षेत्र में है और सीमांकन तकनीकी प्रक्रिया से ही संभव है।
गांवों में अवैध कॉलोनियों पर भी निगरानी
अधिकारियों ने बताया कि शहर के साथ-साथ अब गांवों में भी अवैध कॉलोनियों पर नजर रखी जा रही है। 177 रिपोर्ट के तहत सभी पटवारियों से जानकारी मंगवाई गई है और जहां-जहां नए प्रकरण सामने आए हैं, उन्हें एसडीएम कार्यालय को भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई नई कॉलोनी की जानकारी मिलती है, तत्काल जांच कर प्रकरण दर्ज कर लिया जाता है और एसडीएम को भेज दिया जाता है।
निष्कर्ष
सरदारशहर में अब अतिक्रमण, अवैध कॉलोनियों और बिना अनुमति निर्माण कार्यों पर प्रशासन पूरी तरह से सख्त हो गया है। जांच तेज़ कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। जनता से भी अपील की गई है कि वे नियमानुसार ही निर्माण कार्य करें और फर्जी दस्तावेजों का सहारा न लें।
- सरदारशहर: उड़सर लोडेरा में अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन, पीड़ित बोले – हमें बेघर मत करो, कहां जाएं?
- सरदारशहर: 1 जुलाई से शुरू होगा सर्वोदय छात्रावास, पूर्व मंत्री रिणवा ने लिया निर्माण कार्य का जायजा
- सरदारशहर: अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नगरपरिषद आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
- सरदारशहर: एमआर होटल में अवैध गतिविधियों का भंडाफोड़, पुलिस कार्रवाई से हड़कंप
- सरदारशहर में दो पक्षों में झगड़ा, 10 लोग घायल – महिलाओं पर भी हमला, एसडीएम ने लिया मौके का जायजा