हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। इस हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राठौड़ ने इस हमले को कायरतापूर्ण करार देते हुए आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह हमला निहत्थे और निर्दोष पर्यटकों पर किया गया है, जो एक कायराना हरकत है। पूरे देश में इस हमले की तीव्र आलोचना हो रही है।

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन
राजेंद्र राठौड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की प्रतिबद्धता दिखाई है। राठौड़ ने कहा कि कश्मीर में हाल ही में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही थी, और वहाँ की अर्थव्यवस्था को पर्यटन से बड़ा लाभ हुआ था। लेकिन आतंकवादियों ने फिर से अपने कायराना कृत्य से इस क्षेत्र की शांति और समृद्धि को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को इस कृत्य का भुगतान करना पड़ेगा, और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सिंधु जल समझौता रद्द करने का समर्थन
राठौड़ ने इस हमले के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने के फैसले का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द किया गया है, और पाकिस्तान को इस फैसले से गंभीर संदेश दिया गया है। राठौड़ ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कभी भी इस तरह के कड़े कदम नहीं उठाए थे, लेकिन अब समय आ गया है जब पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जब 1965, 1971 और 1999 में युद्ध हुए थे, तब पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। लेकिन अब आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया जाएगा।
पुलवामा हमले का जिक्र और सर्जिकल स्ट्राइक
राजेंद्र राठौड़ ने 2019 में हुए पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के द्वारा पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था। राठौड़ ने कहा कि इस बार भी भारत को आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने यह माना कि पुलवामा हमले के बाद जो पाबंदियाँ लागू की गईं, वे कुछ समय बाद सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में अपनी सफलता के रूप में सामने आईं। इस बार भी आतंकवादियों को अपनी कायरतापूर्ण हरकतों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
घाटी में बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधियाँ और सरकार का समर्थन
राठौड़ ने कश्मीर घाटी की आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में कश्मीर में पर्यटन उद्योग में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का उछाल आया है। यह सिर्फ कश्मीर के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। कश्मीर में पर्यटन बढ़ने के कारण वहाँ की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हुआ है।
उन्होंने यह भी बताया कि घाटी के लोग अब पहले से ज्यादा सरकार के साथ खड़े हैं और पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह बदलाव कश्मीर में सरकार की नीतियों के समर्थन को दर्शाता है। घाटी में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए लोग अब अधिक सचेत हैं और आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।
मानवता के खिलाफ कुकृत्य करने वालों को कड़ी सजा
राजेंद्र राठौड़ ने इस आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा इस प्रकार के कृत्य करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। राठौड़ ने कहा कि ऐसे आतंकवादी, जो मानवता के खिलाफ इस तरह के कुकृत्य करते हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए और भारत सरकार इस दिशा में कड़े कदम उठाएगी।
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